5 दशक बाद UP के 6 वेटलैंड एक साथ Ramsar Site घोषित

5 दशक बाद UP के 6 वेटलैंड एक साथ Ramsar Site घोषित








रामसर कनवेंशन के गठन के करीब 5 दशक बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Chief Minister Yogi Adityanath) की पहल पर प्रदेश के 6 वेटलैंड (आद्रभूमि) को एक साथ रामसर साइट (Ramsar site) की सूची में शामिल किया है। इसके अलावा 6 और बेटलैंड को रामसर साइट घोषित करने के लिए रामसर कनवेंशन (Ramsar Convention) विचार कर रहा है। बुधवार को केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावेडकर ने इसकी घोषणा की। अब तक उत्तर प्रदेश से सिर्फ एक वेटलैंड (आद्र्रभूमि) अपर गंगा (ब्रजघाट से नरौरा तक) घोषित था


https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/gorakhpur/story-12-wetlands-of-up-will-be-included-in-the-list-of-ramsar-site-2934709.html


 


उपलब्धि
हिन्दुस्तान ने 2 जनवरी के अंक में सबसे पहले प्रकाशित किया था स्टोरी
बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने ट्वीट कर की घोषणा
आगरा में होने वाले प्रदेश स्तरीय वर्ड फ्रेस्टिबल में मिलेगा प्रमाण पत्र









Prakash Javadekar
 

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Elated to know that with one site has added 6 more : Nawabganj, Parvati Arga, Saman, Samaspur, Sandi and Sarsai Nawar.@PMOIndia @CMOfficeUP







 


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आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान  ने 2 जनवरी के अंक में ‘रामसर साइट की सूची में शामिल होंगे यूपी के 12 वेटलैंड’ शीर्षक से सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी। रामसर सचिवालय ने उन्नाव का नवाबगंज पक्षी विहार, गोंडा का पार्वती अरंगा वन्य जीव विहार, मैनपुरी का समान पक्षी विहार, रायबरेली का समसपुर पक्षी विहार, हरदोई का सांडी पक्षी विहार एवं इटावा का सरसई नाव झील को मंजूरी प्रदान की है। 



प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव सुनील कुमार पाण्डेय ने बताया कि मैनपुरी सौज झील, अलीगढ़ शेखा झील, संतकबीरनगर बखीरा वन्य जीव विहार, एटा पटना पक्षी विहार, आगरा सुरोवर वन्य जीव विहार एवं बलिया सुरहा ताल वन्य जीव विहार को रामसर सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा रामसर सचिवालय को भेजा रहा है। 
2 फरवरी को आगरा में मिलेगा प्रमाण पत्र









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आगरा जिले के कीठम स्थित सूर सूरोवर पक्षी विहार में विश्व वेटलैंड डे 2 फरवरी को उप्र बर्ड फेस्टिवल आयोजित होगा। इसमें देश-विदेश के वन्यजीव विशेषज्ञ पहुंचेंगे। चार प्रदेशों की बीस से ज्यादा इको फ्रेंडली स्टॉल सजेंगी। पर्यावरण एवं वन मंत्री दारा सिंह समेत अन्य राज्यमंत्री भी शामिल होंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस), अंतरराष्ट्रीय वल्र्ड वाइल्ड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की नई दिल्ली की टीम, टर्टिल सर्वाइवल एलाइंस (टीएसए) सहित करीब बीस ईको फ्रेंडली स्टॉल लगेंगी। इस कार्यक्रम में नई रामसर साइट के प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। 








 


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धरती बचाने के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि








 


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प्रख्यात पर्यावरण विद् माइक एच पाण्डेय कहते हैं केंद्र एवं राज्य सरकार की रणनीति काम आई है। रामसर कनवेंशन ने उत्तर प्रदेश के 6, महाराष्ट्र में 01 और पंजाब में 01 वेटलैंड को शामिल किया है। अब तक भारत में सिर्फ 27 रामसर साइट्स थीं लेकिन अब इनकी संख्या एक झटके में बढ़ कर 37 हो गई है। यह धरती एवं जैव विविधिता को बचाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि है।
काम आई सीएम योगी आदित्यनाथ की रणनीति 






 



 





उत्तर प्रदेश जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही वेटलैंड के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। इसी कड़ी में उन्होंने आद्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंध नियम-2017 के तहत 11 जनवरी 2018 उत्तर प्रदेश राज्य आद्रभूमि प्राधिकरण गठित किया। मुंबई प्राकृतिक इतिहास सोसायटी से सर्वेक्षण करा रामसर साइट के लिए संभावित 20 स्थलों की सूची बनाई। 5 अक्तूबर 2018 को उत्तर प्रदेश राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की दूसरी बैठक में 20 में 12 वेटलैंड को प्राथमिकता के आधार पर संभावित रामसर स्थलों में शामिल कराने का निर्णय किया था।








 


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क्या है रामसर कनवेंशन








 


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48 साल पहले 2 फरवरी 1971 को रामसर कनवेंशन का गठन दुनिया भर की आद्रभूमि को को सुरक्षित-संरक्षित करने के लिए किया गया। इसमें दुनिया के 170 से ज्यादा देश भागीदार हैं। 2100 से ज्यादा वेटलैंड इसकी सूची में दर्ज है, जिसमें भारत के 26 वेटलैंड हैं। वेटलैंड प्रकृति एवं पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये वेट लैंड जल का स्तर बढ़ाने, जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ प्रवासी पक्षियों के मौसमी आवास के रूप में भी उपयोगी हैं।