27 लेखपाल निलंबित, 581 को सर्विस ब्रेक का नोटिस

27 लेखपाल निलंबित, 581 को सर्विस ब्रेक का नोटिस











एस्मा लगने के बाद भी काम पर न लौटने के चलते मंगलवार को 27 लेखपालों को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही 584 लेखपालों को नो वर्क-नो पे का नोटिस जारी किया जा चुका है। इतनी संख्या में निलंबन के बाद भी लेखपाल संघ अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। अपनी मांगों को लेकर लेखपालों ने मंगलवार को भी रानी लक्ष्मीबाई पार्क में धरना-प्रदर्शन किया।


जिन 584 लेखपालों को नोटिस जारी की गई है उसमें नो-वर्क नो-पे का फार्मूला अपनाया गया है। जितने दिन लेखपाल हड़ताल पर रहेंगे उतने दिन का वेतन कटेगा और उतने दिन की सर्विस भी ब्रेक मानी जाएगी। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि शासन ने लेखपालों पर एस्मा लगा दिया है। ऐसे में जितनी जल्द हो सके काम पर लौट आएं।


डीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि अगर लेखपाल जल्द काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उधर, लेखपाल संघ कार्य बहिष्कार पर अड़ा हुआ है। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष नीलकंठ धर दुबे ने कहा कि जब सरकार उनकी मांगों को मानने के बजाए दमनात्क कार्रवाई पर उतारू है तो हमारा संगठन भी तैयार है। जो भी कार्रवाई करनी हो कर लें, हमारा संगठन पीछे हटने वाला नहीं है। हमारा संगठन इतना कमजोर नहीं है जो इन सब कार्रवाइयों से डर जाए। हम अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे। जो भी हो जाए, जब तक हमारी आठ सूत्री मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक हम कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे।


28 हजार आनलाइन आवेदन लम्बित


बीते 15 दिनों से लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते अभी तक जिले में 28 हजार से ज्यादा आय, जाति और निवास के आवेदन लम्बित हैं। प्रमाण पत्र न बनने से सर्वाधिक दिक्कत उन्हें हो रही है जिन्हें पेंशन के लिए आवेदन करना है और ऐसे छात्र जिन्हें आय प्रमाण पत्र बनवाना है।














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